<p style="text-align: justify;"><strong>Supreme Court Hearing On Collegium</strong>: सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र के पास अटकी कॉलेजियम की सिफारिशों के मुद्दे पर सोमवार (9 अक्टूबर) को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति एसके कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ में सुनवाई होगी. इसमें एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु की ओर से नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए नामों को अधिसूचित करने में देरी पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर पक्ष रखे जाएंगे.</p> <p style="text-align: justify;">न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को कहा था कि वह उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से की गई देरी की बारीकी से निगरानी करेगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने मांगा था हफ्तेभर का समय </strong></p> <p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा कि एससी कॉलेजियम की ओर से की गई लगभग 70 सिफारिशें मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास लंबित हैं. वेंकटरमणी की ओर से दिए गए आश्‍वासन पर कि वह इस मुद्दे पर सरकार के निर्देश प्राप्त करेंगे, शीर्ष अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>'मैंने बहुत कुछ कहने के लिए सोचा था'</strong></p> <p style="text-align: justify;">न्यायमूर्ति कौल ने कहा था, "मैंने बहुत कुछ कहने के लिए सोचा था, लेकिन चूंकि अटॉर्नी (जनरल) केवल सात दिनों का समय मांग रहे हैं, इसलिए मैं खुद को रोक रहा हूं. अगली तारीख पर मैं शायद चुप नहीं रहूंगा." </p> <p style="text-align: justify;"><strong>फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी थी चेतावनी</strong></p> <p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने देरी पर केंद्र को चेतावनी देते हुए फरवरी में कहा था कि इसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक और न्यायिक दोनों कार्रवाइयां हो सकती हैं, जो सुखद नहीं हो सकती हैं. कोर्ट ने कहा था, ''हमें ऐसा रुख अपनाने पर मजबूर न करें जो बहुत असुविधाजनक हो.''</p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि कॉलेजियम की सिफारिशों के मुताबिक जजों की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट का रुख सुर्खियों में रहा है. ऐसे में सोमवार की सुनवाई पर सभी की निगाहें होंगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="महिलाओं के खिलाफ अपराध मामलों में अदालतों से संवेदनशील होने की उम्मीद: सुप्रीम कोर्ट" href="https://ift.tt/6XrEFYn" target="_self">महिलाओं के खिलाफ अपराध मामलों में अदालतों से संवेदनशील होने की उम्मीद: सुप्रीम कोर्ट</a></strong></p>
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