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एपल अलर्ट पर घमासान जारी, विपक्ष ने कहा, 'संसदीय समिति की बैठक बुलाएं', BJP ने जॉर्ज सोरोस से जोड़ा

<p style="text-align: justify;"><strong>Apple Alert Hacking Case:</strong> एपल की तरफ से कुछ आईफोन यूजर्स को भेजे गए हैकिंग अलर्ट को लेकर लगातार दूसरे दिन बुधवार (1 नवंबर) को राजनीतिक घमासान जारी रहा. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लेटर लिखकर सदन के सदस्यों को संरक्षण प्रदान करने की मांग की.</p> <p style="text-align: justify;">इसके साथ ही कई विपक्षी सांसदों ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) से संबंधित संसद की स्थायी समिति को मामला देखने को कहा. वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि जॉर्ज सोरोस के फंड किए गए Access Now से कनेक्शन है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करने क्यों आए थे. दरअसल, सोरोस पीएम मोदी के आलोचक माने जाते हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?</strong><br />महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे लेटर में इसे सरकार प्रायोजित सेंधमारी बताते हुए कहा कि ये मौलिक अधिकारों पर सबसे बुरा हमला है. उन्होंने &nbsp;कहा, &lsquo;&lsquo;विपक्षी नेताओं को एक संदेश मिला है कि उन्हें सरकार प्रायोजित सेंधमार निशाना बना रहे हैं. जो उपकरणों के साथ दूर से छेड़छाड़ करने, उनके डेटा और यहां तक ​​कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं. &rsquo;&rsquo;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>संसद की स्थायी समिति से क्या आग्रह किया?</strong><br />कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने आईटी से संबंधित संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव से पूरे मामले को लेकर अपील की. दोनों नेताओं ने जाधव से मामले में बैठक बुलाने को कहा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">न्य़ूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जाधव को लिखे लेटर में &nbsp;कार्ति चिदंबरम ने उनसे उन सभी लोगों को बैठक में बुलाने का आग्रह किया है, जिन्हें एप्पल से चेतावनी संदेश मिले हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी ने दिया जवाब</strong><br />बीजेपी ने कहा कि ये मामला संसद की स्थायी समिति को नहीं भेजा जा सकता. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट लिखा, &lsquo;&lsquo;अख़बार में बयान देकर दबाव बनाने से देश नहीं चलता. सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति अब राहुल गांधी संचालित नहीं कर रहे हैं जैसा कि शशि थरूर जी (अध्यक्ष रहने) के समय थी.&rsquo;&rsquo;</p> <blockquote class="twitter-tweet"> <p dir="ltr" lang="hi">अख़बार में बयान देकर दबाव बनाने से देश नहीं चलता । स्टैंडिंग कमिटि सूचना,दूरसंचार की अब शशि थरूर जी के समय राहुल गांधी जी द्वारा संचालित नहीं है । यह कमिटि लोकसभा के नियमों के तहत चलती है,लोकसभा के नियम के तहत <a href="https://twitter.com/Apple?ref_src=twsrc%5Etfw">@Apple</a> की जॉंच केन्द्र सरकार व फ़ोन की जॉंच राज्य पुलिस का है। इस विषय&hellip; <a href="https://t.co/EyswvMQo6C">pic.twitter.com/EyswvMQo6C</a></p> &mdash; Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) <a href="https://twitter.com/nishikant_dubey/status/1719666466709250128?ref_src=twsrc%5Etfw">November 1, 2023</a></blockquote> <p style="text-align: justify;"> <script src="https://platform.twitter.com/widgets.js" async="" charset="utf-8"></script> </p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ''यह समिति लोकसभा के नियमों के तहत चलती है. लोकसभा के नियम के तहत एपल की जांच केंद्र सरकार और फ़ोन की जांच राज्य पुलिस का है. इस विषय पर हमारी कमेटी बैठक नहीं कर सकती. इस समिति का मैं सदस्य हूं.&rsquo;&rsquo;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>संसद की स्थायी समिति ने क्या कहा?</strong><br />संसद की स्थायी समिति के चीफ प्रतापराव जाधव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मामले की जानकारी नहीं है., उनके पास भेजेगा तो समिति इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या आरोप है?</strong><br />महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, उद्धव ठाकरे की शिवसेना की सांसद प्रियंका चुतर्वेदी और आप नेता राघव चड्डा ने मंगलवार (31 नवंबर) को एपल से आए अलर्ट के स्क्रीनशॉट शेयर किए. इन नेताओं ने दावा किया कि सरकार जासूसी कर रही है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने दिया ये जवाब</strong><br />सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं के आरोप पर कहा कि ये निराधार है. केंद्रीय आईठी मंत्री अश्विणी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि हम मामले की तह तक जाएंगे. इस कारण हम जांच के आदेश दे रहे हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एपल ने क्या कहा?</strong><br />एप्पल ने मंगलवार को कहा था कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती. वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">कंपनी ने कहा था, &lsquo;&lsquo;ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं. यह संभव है कि एपल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता.&rsquo;&rsquo;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इनपुट भाषा से भी.&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढे़ं- <a title="अरविंद केजरीवाल को ED का समन मिलने पर ममता बनर्जी बोलीं, 'BJP सभी विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना चाहती है'" href="https://ift.tt/fPvUHh1" target="_self">अरविंद केजरीवाल को ED का समन मिलने पर ममता बनर्जी बोलीं, 'BJP सभी विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना चाहती है'</a></strong></p>

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