<p><strong>Heavy Rain And Flood:</strong> उत्तर भारत में हो रही लगातार बारिश ने कई इलाकों में तबाही की स्थिति ला दी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ के चलते जान-माल का नुकसान हुआ है. उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ड जारी किया गया है.</p> <p>इधर, देश की राजधानी दिल्ली में भी भारी बारिश की चलते यमुना का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान को पार कर गया है. बारिश के चलते दिल्ली के कई इलाकों में पानी भरा हुआ है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बारिश की स्थिति की समीक्षा करने और दिल्ली में जलभराव को दूर करने के लिए मंगलवार (11 जुलाई) को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की.</p> <p>उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया है कि कुछ ज़िलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट था, जिन्हें अब रेड अलर्ट कर दिया गया है. उत्तरकाशी में हादसा हुआ है जिसमें 3 गाड़ियों पर पत्थर गिरने से 4 लोगों की मौत और 7 लोग घायल हो गए. यात्रियों को लगातार चेतावनी दी जा रही कि कहीं भी ऐसी जगह न जाएं जहां पत्थर गिरने की आशंका हो. मुख्यमंत्री धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.</p> <p>हिमाचल प्रदेश में भी बारिश ने कहर बरपा रखा है. मंगलवार (11 जुलाई) को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दो दिनों में 29 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून के आदेश के बाद अब तक 63 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. मंगलवार को सीएम सुक्खू कसोल, खीरगंगा और अन्य प्रभावित जगहों का दौरा किया और वह इस दौरान लोगों से भी मिले. </p> <p>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी बात की है. केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को हर संभव मदद देने का आश्वासन मिला है. भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी. मंगलवार बारिश कम होने पर लोगों के लिए फिर से आवाजाही शुरू हो गई है. </p>
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