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Avalanche Monitoring Radar: LAC के करीब लगाया गया एवलॉन्च मॉनिटरिंग रडार, सैनिकों को ऐसे मिलेगी मदद

<p><strong>Avalanche Monitoring Radar Sikkim:</strong> भारतीय सेना (Indian Army) ने सिक्किम में चीन से सटी एलएसी (LAC) के करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पहली बार एक विशेष एवलॉन्च मॉनिटरिंग रडार लगाया है, ताकि प्राकृतिक आपदा के दौरान सैनिक तुरंत अलर्ट हो जाएं और सैनिकों की जान बचाई जा सके. भारतीय सेना के मुताबिक, इस एवलॉन्च मॉनिटरिंग रडार को डीआरडीओ की डिफेंस जियो-इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च एस्टेबलिशमेंट (डीजीआरई) लैब ने तैयार किया है. सेना के मुताबिक, ये अपनी तरह का पहला ऐसा रडार है जो बर्फीला तूफान आने पर महज तीन सेकेंड के भीतर ही अलर्ट जारी कर देता है.&nbsp;</p> <p><strong>15 हजार फीट की ऊंचाई पर लगाया रडार</strong></p> <p>सेना के मुताबिक, इसी हफ्ते उत्तरी सिक्किम की एक फॉरवर्ड पोस्ट (चौकी) पर करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर एवलॉन्च मॉनिटरिंग रडार को स्थापित किया गया है. सेना की त्रिशक्ति कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार ऐच ने डीआरडीओ के अधिकारियों की मौजूदगी में इस रडार का उद्घाटन किया.&nbsp;</p> <p>ये रडार शॉर्ट माइक्रो वेब पल्स का इस्तेमाल करता है और तीन सेकेंड में ही एक्टिवेट हो जाता है. ये रडार ना केवल एवलॉन्च आते ही अलर्ट जारी कर देता है बल्कि एवलॉन्च यानि बर्फीले तूफान या फिर बर्फ के एक बड़े हिमखंड के 'पाथ' को भी स्कैन कर सकता है. इसके अलावा इस रडार में एवलॉन्च की तस्वीरें और वीडियो भी खुद ब खुद रिकॉर्ड हो जाती हैं.&nbsp;</p> <p>सेना के मुताबिक, इस रडार को उन इलाकों में स्थापित किया जाएगा जहां एवलॉन्च ज्यादा आते हैं. उत्तरी सिक्किम ऐसा ही इलाका है जहां बर्फीले तूफान का खतरा हमेशा बना रहता है. वर्ष 2019 में उत्तरी सिक्किम में आए एवलॉन्च में एक मेजर रैंक के अधिकारी की मौत हो गई थी.&nbsp;</p> <p><strong>क्यों जरूरी है यह रडार</strong></p> <p>आपको बता दें कि भारत की चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पूर्वी लद्दाख के काराकोरम पास (दर्रे) से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है. ये सभी सुपर हाई एल्टिट्यूड वाले इलाके हैं, जहां सेना की पोस्ट (चौकियां) 14 हजार से लेकर 18 हजार फीट तक की ऊंचाई पर हैं और कई&nbsp; महीनों तक बर्फ से ढकी रहती हैं. इसके अलावा पाकिस्तान से सटी एलओसी और सियाचिन में भी एवलॉन्च का खतरा हमेशा बना रहता है. ऐसे में डीजीआरई के बनाए रडार सैनिकों की बेशकीमती जान बचाने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं. इसके अलावा सेना की गाड़ियों और दूसरे सैन्य उपकरणों को भी क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है.&nbsp;</p> <p><strong>ये भी पढ़ें- </strong></p> <p><strong><a title="Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का दावा- पथराव पूरी तरह से खत्म, आतंकियों का भी सफाया जल्द" href="https://ift.tt/NS6JwHb" target="null">Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का दावा- पथराव पूरी तरह से खत्म, आतंकियों का भी सफाया जल्द</a></strong></p> <p><strong><a title="Congress President Election: अशोक गहलोत, शशि थरूर, मनीष तिवारी...कौन कितने पानी में?" href="https://ift.tt/cN1RLyt" target="null">Congress President Election: अशोक गहलोत, शशि थरूर, मनीष तिवारी...कौन कितने पानी में?</a></strong></p>

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