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National War Memorial: 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों के प्रतीक राइफल और हेलमेट को इंडिया गेट से नेशनल वॉर मेमोरियल में ले जाया गया

<p style="text-align: justify;"><strong>National War Memorial:&nbsp;</strong> इंडिया गेट (India Gate) स्थित 1971 युद्ध का पूरा स्मारक अब पूरी तरह से नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) शिफ्ट कर दिया गया है.&nbsp; शुक्रवार को इंडिया गेट पर लगी उल्टी राइफल और हेलमेट को भी वॉर मेमोरियल प्रांगण ले जाया गया. उल्लेखनीय है कि यह राइफल और हेलमेट 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों का प्रतीक है. शुक्रवार को एक सैन्य समारोह में चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ, एयर मार्शल बी आर कृष्णा की मौजूदगी में 1971 के सिंबल यानि चिन्ह को नेशनल वॉर मेमोरियल के 'परम योद्धा स्थल' में स्थांतरित कर दिया गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>परम योद्धा स्थल में है इन वीरों का नाम</strong> <br />परम योद्धा स्थल में देश की आजादी से लेकर अब तक जितने भी सैनिकों को परम वीर चक्र से नवाजा गया है उनसे जुड़ा लॉन है. इस लॉन में सभी परम वीर चक्र विजेताओं की मूर्तियां और उनके युद्ध से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है. इस लॉन के बीचो बीच उल्टी राइफल और हेलमेट का स्थापित किया गया. उसी स्मारक पर 'अमर जवान' लिखा गया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पिछले 50 सालों से जल रही थी अमर जवान ज्योति <br /></strong>इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पिछले 50 सालों से जल रही थी. 1971 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में इंडिया गेट पर एक राइफल और टोपी को लगाया गया था. उसके पास ही एक मशाल लगाई गई थी जो दिन-रात बारह महीने प्रजव्लित रहती थी. इस अमर जवान ज्योति का उदघाटन 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था.</p> <p style="text-align: justify;">अमर जवान ज्योति (The Amar Jawan Jyoti) को इसी साल जनवरी के महीने में पहले ही राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही मशाल के साथ मिला दिया गया था. बता दें राष्ट्रीय समर स्मारक, इंडिया गेट से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित है.</p>

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