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Monsoon Session 2023 Live: मणिपुर पर हंगामे के बीच आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली सेवा बिल, एक बार फिर मचेगा घमासान

<p style="text-align: justify;"><strong>Parliament Monsoon Session 2023 Live Updates:</strong> संसद के मानसून सत्र का आज मंगलवार (1 अगस्त) को नौंवा दिन हैं. मणिपुर को लेकर हो रहे हंगामे के बीच आज दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े आदेश से संबंधित बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को पेश करेंगे.</p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है और विपक्षी दलों से इसके लिए समर्थन भी मांग चुकी है. कांग्रेस, जेडीयू समेत कई विपक्षी दिलों ने इस बिल के विरोध का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने पहले इसी मुद्दे पर अध्यादेश जारी किया था, जिसके खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट भी गई है. मामला पांच जजों की संविधान पीठ के पास है.</p> <p style="text-align: justify;">इसके पहले सोमवार को मणिपुर के मुद्दे पर संसद में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते दोनों की सदनों की कार्यवाही दोपहर बाद से दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. सरकार ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया. दूसरी तरफ, विपक्षी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा और राज्यसभा के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर बगैर किसी समय सीमा के व्यापक चर्चा के लिए संसद में आना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;">केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में हंगामे के ऊपर कहा कि विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में हिस्सा नहीं लेना चाहता. आज जब यह मुद्दा संसद में उठा तो विपक्ष चर्चा से भाग गया. आज यह साबित हो गया कि वे मणिपुर मुद्दे पर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रहे थे. अगर उन्हें वास्तव में परवाह होती तो उन्होंने इस पर चर्चा की होती.</p> <p style="text-align: justify;">केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, ''हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो लेकिन विपक्ष का रवैया आपने देखा, वो फिर एक बार इस पूरी चर्चा को नहीं होने देना चाहते हैं, कुछ तो बात है जो वो भाग रहे हैं, छुप रहे हैं चर्चा से.''</p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार राजनीतिक बेइमानी से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए 68 साथियों ने बाकायदा नोटिस दिया, इसके बावजूद सरकार बेइमानी की आखिरी हद तक पहुंचकर और गिरकर अब चर्चा से भाग खड़ी हुई है. वो चाहते हैं कि शोरगुल में आधा घंटे से कम चर्चा हो और उसमें भी विपक्ष के लोग न बोलें.</p>

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