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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 2 सीटें आरक्षित न होने पर सिखों ने दी ये चेतावनी

<p style="text-align: justify;"><strong>Jammu Kashmir Sikhs Demand:</strong> जम्मू-कश्मीर के सिखों ने सिख आबादी की अनदेखी करने और कश्मीरी पंडितों और पीओके शरणार्थियों के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटें आरक्षित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर बड़े पैमाने पर पलायन करने की चेतावनी दी है.</p> <p style="text-align: justify;">केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सिखों ने कहा है कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सिख अल्पसंख्यकों के लिए भी दो सीटें आरक्षित नहीं की गईं तो वे पलायन कर जाएंगे.</p> <p style="text-align: justify;">एक संवाददाता सम्मेलन में ऑल जेएंडके गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह ने कहा कि पिछले 30 वर्षों के आतंकवाद के दौरान सिखों ने बलिदान दिया है और कठिनाइयों के बावजूद पलायन का रास्ता नहीं चुना.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ऑल जेएंडके गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ये बोले</strong></p> <p style="text-align: justify;">बलदेव सिंह ने कहा कि अब जब सरकार प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए आरक्षण की घोषणा कर रही है तो इन बलिदानों को नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''अगर अल्पसंख्यक सिख समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाता है और नई विधानसभा में उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए दो सीटें आरक्षित नहीं की जाती हैं तो कश्मीर घाटी में रहने का कोई मतलब नहीं है.''</p> <p style="text-align: justify;"><strong>राजनीतिक खींचतान बढ़ी</strong></p> <p style="text-align: justify;">केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण कानूनों और विधानसभा में प्रतिनिधित्व का विस्तार और पुनर्गठन करने के उद्देश्य से चार बहुत महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक खींचतान बढ़ गई है.</p> <p style="text-align: justify;">नए प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, दो सीटें कश्मीरी पंडितों के लिए आरक्षित की जा रही हैं, एक पीओके शरणार्थियों के लिए, इसके अलावा पहाड़ी भाषी आबादी और उच्च जाति के हिंदुओं को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>लोकसभा में पेश किए गए हैं ये विधेयक</strong></p> <p style="text-align: justify;">लोकसभा में पेश किए गए इन चार विधेयकों में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023. संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2023, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल हैं.</p> <p style="text-align: justify;">लोकसभा में मणिपुर हिंसा पर हंगामे के बीच संबंधित केंद्रीय मंत्रियों ने इन्हें पेश किया. बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार दावा कर रही है कि ये विधेयक संभावित लाभार्थियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का कदम है.</p> <p style="text-align: justify;">विपक्षी दलों और आदिवासी समूहों ने उनके बारे में आशंकाएं जताई हैं, जहां गुज्जरों और बक्करवालों ने पहाड़ी और उच्च जाति के हिंदुओं को एसटी का दर्जा देने के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है. वहीं, राजनीतिक दलों ने विधानसभा में आरक्षण को चुनावी हेरफेर करार दिया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>उमर अबदुल्ला ने ये कहा</strong></p> <p style="text-align: justify;">नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार (27 जुलाई) को कहा कि बीजेपी को जम्मू-कश्मीर में हार का डर है और अब वह इस तरह के आरक्षण के जरिए चुनावी हेरफेर का सहारा ले रही है.</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ''कश्मीरी पंडितों और अन्य लोगों के लिए नामांकन के माध्यम से सीटें आरक्षित की गई थीं, लेकिन अगर इसकी आवश्यकता थी तो यह काम चुनी हुई सरकार पर छोड़ दिया जाना चाहिए था. बीजेपी इस तरह के जोड़-तोड़ से अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है, लेकिन लोग अब बहुत समझदार हैं और पापी को समझते हैं.''</p> <p style="text-align: justify;">विधेयकों का महत्व इस तथ्य में निहित है कि इन्हें महत्वपूर्ण आम चुनावों से कुछ महीने पहले आगे बढ़ाया गया है, इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव भी नजदीक हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a title="Lok Sabha Election: विपक्षी गठबंधन INDIA की कोऑर्डिनेशन कमेटी में होंगे 11 दलों के नेता, इन राज्यों में सीट बंटवारा करना है चुनौती" href="https://ift.tt/5VrumIb" target="_blank" rel="noopener">Lok Sabha Election: विपक्षी गठबंधन INDIA की कोऑर्डिनेशन कमेटी में होंगे 11 दलों के नेता, इन राज्यों में सीट बंटवारा करना है चुनौती</a></strong></p>

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