<p style="text-align: justify;"><strong>BS Yediyurappa On Hijab: </strong>कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने चुनावी घमासान के बीच अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हिजाब और हलाल से जुड़े विवाद गैर जरूरी हैं. चुनाव की घोषणा से पहले राज्य में इन दोनों ही मसलों पर काफी वाद-विवाद हुआ था. येदियुरप्पा ने कहा कि हिंदू और मुसलमान को भाईचारे से रहना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>'मैं ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करने जा रहा'</strong></p> <p style="text-align: justify;">पार्टी ने हिजाब और हलाल मुद्दे को कैसे संभाला के सवाल पर येदियुरप्पा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करने जा रहा हूं. मैंने शुरू से ही यह स्टैंड लिया है. ये ऐसे मुद्दे थे जो जरूरी नहीं थे. मैं ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करूंगा.''</p> <p style="text-align: justify;">येदियुरप्पा ने ये बात ऐसे वक्त में कही है जब कर्नाटक में 10 मई को मतदान होने वाला है. दरअसल बीजेपी के विधायक यशपाल सुवर्णा ने कर्नाटक में कॉलेज परिसर में हिजाब पहनने की मांग करने वाले छात्रों के खिलाफ आवाज उठाई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.</p> <p style="text-align: justify;">बीते साल दक्षिणपंथी समूहों ने उगादी के कर्नाटक नव वर्ष उत्सव के बाद मुस्लिम दुकानदारों के मंदिरों के उत्सवों में भाग लेने और हिंदुओं के हलाल मांस का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया था. तब बीजेपी महासचिव सी टी रवि सहित पार्टी और पदाधिकारियों ने "आर्थिक जिहाद" का मुकाबला करने के उपायों का समर्थन किया था. तब विपक्ष ने कहा कि ये बीजेपी के मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए विभाजनकारी राजनीति का इस्तेमाल करने का एक और कोशिश थी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>'उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में जाना चाहिए'</strong></p> <p style="text-align: justify;">निमंत्रण के बावजूद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के चर्च के कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने के बारे में येदियुरप्पा ने कहा, “मैं ईसाई और मुस्लिम कार्यक्रमों में जाता था. यहां तक कि अन्य सामुदायिक कार्यक्रम भी. बोम्मई भी जाते थे. यदि उन्होंने उन्हें बुलावा दिया होता तो उसे इनके लिए जाना चाहिए था. हमें ऐसे कार्यक्रमों को अधिक महत्व देना चाहिए. उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में जाना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>'पार्टी इससे प्रभावित नहीं होगी' </strong></p> <p style="text-align: justify;">बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य, 80 साल येदियुरप्पा चुनावी राजनीति से बाहर हैं. उन्होंने राज्य इकाई में चल रहे विद्रोह को कम अहमियत दी. उन्होंने कहा, "बगावत का बीजेपी पर कोई असर नहीं होने वाला है. कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में, उनके (बागियों के) बाहर निकलने से थोड़ा फर्क पड़ सकता है, लेकिन पार्टी इससे प्रभावित नहीं होगी."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>'बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिले'</strong></p> <p style="text-align: justify;">बीजेपी के दिग्गज नेता और सूबे के चार बार के सीएम ने साफ किया कि वह पक्के तौर पर चाहते थे कि शिकारीपुरा में उनके बेटे बी वाई विजयेंद्र बीजेपी के उम्मीदवार और उनके उत्तराधिकारी हों. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता, उनकी कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री के तौर उनके खुद कार्यकाल में की गई सामाजिक कल्याण की पहलों के साथ-साथ बोम्मई सरकार के उपायों से यह पक्का होगा कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिले".</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Karnataka Election: विरोधी खेमे को दिखी येदियुरप्पा की ताकत, शिकारीपुरा सीट को लेकर कर्नाटक BJP में छिड़ी थी जुबानी जंग" href="https://ift.tt/GO76bW5" target="_self">Karnataka Election: विरोधी खेमे को दिखी येदियुरप्पा की ताकत, शिकारीपुरा सीट को लेकर कर्नाटक BJP में छिड़ी थी जुबानी जंग</a></strong></p>
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