<p style="text-align: justify;"><strong>Congress Siddaramaiah</strong>: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Elections 2023) से पहले राज्य की कोलार विधानसभा सीट काफी सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की कोलार विधानसभा सीट पर ही मोदी सरनेम को लेकर की विवादित बयान दिया था. जिसकी वजह से उनको सजा हुई और उनकी संसद सदस्यता तक चली गई. वहीं, कर्नाटक के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के भी कोलार सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है.</p> <p style="text-align: justify;">हालांकि, कांग्रेस की ओर से कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 25 मार्च को जारी की गई उम्मीदवारों की पहली सूची में सिद्धारमैया को वरुणा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. इसके बावजूद उनके दो सीटों से चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. </p> <p style="text-align: justify;">कर्नाटक के पूर्व सीएम से जब इसे लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने दोनों कोलार और वरुणा विधानसभा सीट से लड़ने की इच्छा हाईकमान के सामने जताई है. इसका फैसला पूरी तरह से कांग्रेस हाईकमान पर निर्भर करता है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने उनसे दो सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. अगर हाईकमान राजी हो जाता है तो मैं दो सीटों से कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कांग्रेस और सिद्धारमैया के लिए कोलार विधानसभा सीट (Kolar Constituency) क्यों जरूरी है?</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कांग्रेस का गढ़ नहीं है कोलार</strong></p> <p style="text-align: justify;">कर्नाटक की कोलार विधानसभा सीट की 40 फीसदी आबादी शहरी है. कोलार सीट के बनने के बाद से अब तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस को केवल 5 बार इस सीट पर जीत हासिल हुई है. 1983 के बाद कांग्रेस कोलार विधानसभा सीट पर केवल दो बार (1989 और 2004) चुनाव जीती है. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीएस के श्रीनिवास गौड़ा चुनाव जीते थे और कांग्रेस की हार-जीत के बीच वोटों का अंतर 24 फीसदी रहा था. 2008 और 2013 में इस सीट से निर्दलीय विधायक आर वर्थुर प्रकार ने कांग्रेस और जेडीएस को पटखनी दी थी. </p> <p style="text-align: justify;">बीते 30 सालों में कांग्रेस ने केवल 2004 के विधानसभा चुनाव में कोलार सीट पर बीजेपी को हराया था. इस जीत में चौंकाने वाली बात ये है कि उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार वही के श्रीनिवास गौड़ा थे, जो आज जेडीएस के विधायक हैं. कोलार विधायक गौड़ा ने पहली बार 1994 में इस सीट से जेडीएस के टिकट पर चुनाव जीता था. वहीं, अब उन्होंने एलान कर दिया है कि वो कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 लड़ेंगे और संभवत: कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. अगर कोलार सीट पर कांग्रेस की ओर से किसी बड़े उम्मीदवार को खड़ा किया जाता है तो इसका फायदा पार्टी को चुनाव में मिल सकता है. वैसे, ये सीट जेडीएस के खाते में ही जाती रही है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कोलार से सिद्धारमैया जीत पाएंगे चुनाव?</strong></p> <p style="text-align: justify;">आंकड़ों की बात की जाए तो कोलार सीट पर कांग्रेस की राह आसान नजर नहीं आती है. हालांकि, राजनीतिक सुगबुगाहटों की ओर देखें तो पता चलता है कि सिद्धारमैया यहां से कुछ संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. इस सीट के विधायक के श्रीनिवास गौड़ा ने ये सीट सिद्धारमैया को ऑफर की है और चुनाव लड़ने से मना कर दिया है.</p> <p style="text-align: justify;">अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस की ओर से कोलार विधानसभा सीट पर सिद्धारमैया को मौका दिया जाता है. वैसे, सिद्धारमैया भी एलान कर चुके हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 उनका आखिरी चुनाव है तो संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वरुणा के साथ कोलार सीट पर भी वो ही कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर नजर आएं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कर्नाटक में जेडीएस को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को सिद्धारमैया को आगे करना ही होगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://www.abplive.com/news/india/khalistani-supporter-threaten-to-replace-tiranga-with-khalistan-flag-amritpal-singh-waris-punjab-de-2367533">'दिल्ली में तिरंगा हटाकर लगाएंगे खालिस्तानी झंडा', खालिस्तान समर्थकों ने ऑडियो मैसेज भेजकर दी धमकी</a></strong></p>
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