<p style="text-align: justify;"><strong>Jairam Ramesh on K Kavitha Hunger Strike: </strong>तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशखर राव (KCR) की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता (K Kavitha) की भूख हड़ताल को कांग्रेस (Congress) ने ध्यान भटकाने की चाल बताया है. के कविता ने शुक्रवार (10 मार्च) को महिला आरक्षण विधेयक की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल की. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को भी आमंत्रित किया था. उनकी हड़ताल में कई विपक्षी दल शामिल हुए लेकिन कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया. </p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि के कविता का नाम दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में आया है, इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें समन भेजा है. शनिवार (11 मार्च) को उन्हें ईडी के सामने पेश होना है. ऐसे में के कविता की भूख हड़ताल को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार (10 मार्च) को कहा कि यह ईडी के समन से बीआरएस नेता का ध्यान भटकाने का प्रयास है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>के कविता की भूख हड़ताल को लेकर जयराम रमेश यह बोले</strong></p> <p style="text-align: justify;">महिला आरक्षण बिल के बारे में कांग्रेस के प्रयासों को बताते हुए जयराम रमेश ने बीआरएस और के कविता पर निशाना साधा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कविता की भूख हड़ताल में कांग्रेस के शामिल नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर रमेश ने पत्रकारों से कहा, ''2014 से लोकसभा में प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/pv5TBPb" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> के पास भारी बहुमत है. अब उन्हें इसे राज्यसभा में पास नहीं करना है, वहां यह पहले ही पारित हो चुका है. बीआरएस ज्यादातर समय उनका समर्थन कर रही है. वाईएसआरसीपी हर समय उनका समर्थन करती है तो पिछले नौ वर्षों में लोकसभा में विधेयक पारित क्यों नहीं हो सका.'' </p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठना, जो कल प्रासंगिक हो जाएंगे, ये सब ध्यान भटकाने की चालें हैं.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी अगर महिला आरक्षण विधेयक को पारित करवाना चाहती है तो वह इसे अगले हफ्ते बजट सत्र में करा सकती है. बता दें कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा. के कविता ने मांग की है कि महिला आरक्षण विधेयक को इसी दौरान पारित किया जाए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कांग्रेस पर के कविता का निशाना</strong></p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस को लेकर के कविता ने भी निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार (9 मार्च) को कहा कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को टीम प्लेयर की भूमिका निभानी चाहिए. दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस अब एक राष्ट्रीय पार्टी नहीं रही और हैरानी है कि कब वह अपना अहंकार छोड़कर वास्तविकता का सामना करेगी.</p> <p style="text-align: justify;">बड़े रूप में विपक्षी एकता के बारे में पूछे जाने पर के कविता ने कांग्रेस पर तंज कसा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए. यह कांग्रेस पर निर्भर है कि देश के प्रति उसकी क्या जिम्मेदारी है. अगर उसे लगता है कि अब भी उसके बिना कुछ नहीं हो सकता है तो बेहतर होगा उसे पता हो कि देश में लगभग 4,000 विधायकों में से कांग्रेस के पास सिर्फ 600 हैं. उनकी संख्या कहां है? उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कांग्रेस के केवल 17 विधायक हैं, जहां वे गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं. बिहार में कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं. वहां उसके कितने विधायक है. बंगाल में बड़ी मशक्कत से वह एक सीट जीती है.</p> <p style="text-align: justify;">के कविता की भूख हड़ताल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसी पार्टियों के नेता शामिल हुए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a title="Delhi Excise Policy Case: क्या है के कविता की भूमिका? ED ने मनीष सिसोदिया की रिमांड एप्लीकेशन में किया ये जिक्र" href="https://ift.tt/HVA1xz8" target="_blank" rel="noopener">Delhi Excise Policy Case: क्या है के कविता की भूमिका? ED ने मनीष सिसोदिया की रिमांड एप्लीकेशन में किया ये जिक्र</a></strong></p>
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