<p style="text-align: justify;"><strong>Collector Salary:</strong> उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को अंगुल जिला कलेक्टर और दो अन्य के वेतन को तब तक रोके रखने का आदेश दिया है जब तक कि गांव वालों को मुआवजा नहीं मिल जाता. दरअसल, 188 गांव वालों को 6 दशक से अधिक समय पहले एक सिंचाई परियोजना में खोई हुई जमीन का मुआवजा मिलना है और इस मामले की सुनवाई होई कोर्ट में हो रही है.</p> <p style="text-align: justify;">उड़ीसा उच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की बेंच ने आदेश सुनाया है. जस्टिस बीआर सारंगी और बीपी सतपथी ने आदेश दिया कि जब तक कुकुरपेटा माइनर सिंचाई परियोजना के निर्माण के बाद डूबी जमीन का मुआवजा 188 ग्रामीणों को नहीं मिल जाता, तब तक जिला अधिकारियों के वेतन को रोक दिया जाए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहा हाई कोर्ट ने?</strong></p> <p style="text-align: justify;">हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चूंकि साल 1961 में भूमि अधिग्रहित किए जाने और इस बीच 60 वर्ष से अधिक समय बीत गया है और इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को आज तक मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. हाई कोर्ट निर्देश देता है कि जिला कलेक्टर, भूमि अधिग्रहण अधिकारी और याचिकाकर्ताओं को मुआवजे का भुगतान किए जाने तक अंगुल जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारियों के वेतन को रिलीज नहीं किया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है मामला?</strong></p> <p style="text-align: justify;">ओडिशा के अंगुल जिले के पांच गांवों के प्रभावित ग्रामीण पिछले 51 सालों से लघु सिंचाई परियोजना के कारण जलमग्न 62 एकड़ भूमि के मुआवजे की मांग के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि, जमीन डूब गई थी, फिर भी यह ग्रामीणों के नाम पर दर्ज की जाती रही और इन सभी सालों में भू-राजस्व का भुगतान करना पड़ा क्योंकि सरकार ने भूमि के पार्सल के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी नहीं की थी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में नवीन पटनायक ने चला 22 जातियों को जोड़ने वाला बड़ा दांव" href="https://ift.tt/DmPTHGk" target="_self">Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में नवीन पटनायक ने चला 22 जातियों को जोड़ने वाला बड़ा दांव</a></strong></p>
from india https://ift.tt/UDq3Jsb
via
0 Comments