<p style="text-align: justify;"><strong>MCD Delhi Landfill Site:</strong> दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को लेकर लगातार सियासत गरमाई हुई है. शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) गाजीपुर लैंडफिल साइट पहुंचे. यहां उन्होंने बीजेपी को कूड़े के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि 15 सालों से बीजेपी एमसीडी में है और उसने दिल्ली को तीन कूड़े के पहाड़ दिए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">इस मुद्दे पर MCD भी खुलकर सामने आई. एमसीडी की तरफ से आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई बातें स्पष्ट की गई. एमसीडी के प्रेस और इंफॉर्मेशन डायरेक्टर अमित कुमार ने म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट और लैंडफिल साइट को लेकर आंकड़ा बताया. कहा, "हम लैंडफिल साइट कम करने की कोशिश कर रहे हैं. ओखला लैंडफिल साइट में कमी आई है. जो कूड़ा वह 1700 टन था. अब कम हो गया है. 16 नई लैंडफिल साइट्स खोलने की कोई योजना नहीं है, न ही कोई जगह चिन्हित की है. तीन लैंडफिल साइट है, उनको कम करने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है." </p> <p style="text-align: justify;">सालों से दिल्ली वाले कूड़े के पहाड़ देख रहे हैं. आम एमसीडी चुनाव नज़दीक है जिसके मद्देनजर सियासत भी तेज़ है. कूड़े के पहाड़ों के बारे में एमसीडी की तरफ से यह भी बताया गया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट की 18 लाख मीट्रिक टन ऊंचाई कम की गई है तो वहीं ओखला लैंडफिल साइट की चोटी की ऊंचाई 45 मीटर है. गाजीपुर लैंडफिल साइट में जो सबसे ऊंची चोटी है वह 65 मीटर है.</p> <p style="text-align: justify;">[tw]https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1585536287528095744[/tw]</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इस वक़्त दिल्ली में वेस्ट की स्थिति</strong><br />ओखला 45 लाख मैट्रिक टन कूड़ा है, गाजीपुर में 85 लाख मैट्रिक टन और बलस्वा 73 लाख मैट्रिक टन. हर दिन 11000 टन कूड़ा दिल्ली में जनरेट होता है उसका 75% प्रोसेस हर दिन होता है. गाज़ीपुर में एक दिन में 1700 टन हर दिन लैंडफिल साइट पहुंचता है और 900 टन हर दिन प्रोसेस कर लेते है वेस्ट. बलस्वा 4500 टन हर दिन कूड़ा जनरेट होता है, 2300 टन बवाना प्लांट में प्रोसेस होता है.</p> <p style="text-align: justify;">कूड़े को प्रोसेस करने के लिए हर लैंडफिल साइट पर मशीनें लगाई गई है जिनसे कूड़े को प्रोसेस किया जाता है. मौजूदा वक्त में ओखला में 14 मशीन, बलस्वा में 18 मशीन और ग़ाज़ीपुर में 12 मशीने काम कर रही है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/hFnULM4 Assembly Election 2022: गुजरात में AAP का बड़ा दांव! सीएम फेस पर मांग सकती है जनता से सुझाव</a></strong></p>
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