<p>कांग्रेस पार्टी 22 साल के बाद अपना अध्यक्ष को चुनने जा रही है. 30 सितंबर को नामांकन के आखिरी दिन ही साफ हो गया कि था कि इस दौड़ में वरिष्ठ और अनुभवी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सबसे आगे चल रहे हैं. अपने जीवन के 80 बसंत देख चुके खड़गे ने केवल साल 2019 के लोकसभा चुनावों में ही हार का स्वाद चखा है. माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में भी वो अपने लगातार जीतने का रिकॉर्ड कायम रख सकते हैं. एक तरह से देखा जाए तो अगर खड़गे इस पद का चुनाव जीत जाते हैं तो उनके नाम के आगे पार्टी का सबसे पहला उम्रदराज और दूसरा दलित अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड भी जुड़ जाएगा. बेदाग छवि और विवादों से दूर रहने वाले दक्षिण के इस दलित नेता को पार्टी का भरोसेमंद माना जाता है.</p>
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