<p style="text-align: justify;"><strong>Vrindavan Banke Bihari Temple Timing: </strong>अगर आप धार्मिक स्थलों पर यात्रा का मन बना रहे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें. दरअसल, आज से कई प्रमुख तीर्थ स्थलों पर कुछ बदलाव होने जा रहे हैं. बात अगर वृंदावन की करें तो यहां के बांके बिहारी मंदिर का समय आज से बदल जाएगा. मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया, "अब राजभोग सेवा के लिए मंदिर के कपाट अपराह्न 1.00 बजे बंद हो जाएंगे. सुबह की पाली में, मंदिर सुबह 08:45 बजे खुलेगा और अपराह्न 1:00 बजे तक भगवान की भोग सेवा (दोपहर के भोजन) के लिए एक संक्षिप्त विराम के साथ खुला रहेगा. दोपहर के सत्र में, मंदिर भगवान के भोग के लिए एक संक्षिप्त अंतराल के बाद शाम 4:30 से 8:30 बजे तक खुलेगा."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>केदारनाथ धाम के बंद होंगे कपाट</strong></p> <p style="text-align: justify;">केदारनाथ धाम के कपाट आज बंद होंगे, सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मंदिर के कपाट को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिया जाएगा. आज ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद किए जाएंगे. सबसे आखिर में 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम का कपाट बंद किया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;">चार धाम की यात्रा के समापन को लेकर दशहरे के मौके पर कपाट बंदी की तिथियों का ऐलान होता है. इसके लिए मुहुर्त के अनुसार तिथि और समय तय किए जाने की परंपरा रही है. इसी के आधार पर निर्धारित तिथियों पर चारों घाम के कपाट बंद किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई थी.</p> <p style="text-align: justify;">गंगोत्री धाम में कपाट बंद किए जाने की प्रक्रिया बुधवार को पूरी की जा चुकी है. गोवर्द्धन पूजा के बाद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर कपाट को बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद यहां पर श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद हो जाएगा. अभिजीत मुहुर्त में आज यमुनोत्री धाम के कपाट को बंद किया जाएगा. श्री हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कपाट बंद करने को है अपनी मान्यता</strong></p> <p style="text-align: justify;">शीतकाल के दौरान यात्रा की दुर्गम्यता को लेकर कपाट बंद किए जाते हैं. हालांकि, कपाट की बंदी को लेकर विधि-विधान की भी अपनी मान्यताएं हैं. चार धाम की यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाने के साथ चार धाम की यात्रा शुरू की गई थी. अक्षय तृतीया के मौके पर अभिजीत मुहुर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे.</p> <p style="text-align: justify;">वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर खोले गए थे. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले गए. वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट खोले गए थे. केदारनाथ धाम में इस बार <a title="दिवाली" href="https://ift.tt/GJ1MV8A" data-type="interlinkingkeywords">दिवाली</a> से पहले तक रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे.</p> <p style="text-align: justify;">केदारनाथ धाम के लिए रोजाना 12 हजार और बदरीनाथ धाम के लिए 15 हजार तीर्थयात्रियों का कोटा तैयार किया गया था, लेकिन इससे कहीं अधिक श्रद्धालुओं ने रोजाना इन दोनों धामों पर दर्शन और पूजन किया. गंगोत्री धाम के लिए 7 हजार और यमुनोत्री धाम के लिए 4 हजार तीर्थयात्रियों का दैनिक कोटा निर्धारित किया गया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें- </strong><strong><a title="Amit Shah: ड्रग्स पर अमित शाह की चोट, कहा- युवा पीढ़ी को यह कर रहा खत्म, आतंकवाद को भी देता है बढ़ावा, दोनों पर प्रहार जरूरी" href="https://ift.tt/2A05b6P" target="_self">Amit Shah: ड्रग्स पर अमित शाह की चोट, कहा- युवा पीढ़ी को यह कर रहा खत्म, आतंकवाद को भी देता है बढ़ावा, दोनों पर प्रहार जरूरी</a></strong></p>
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