<p style="text-align: justify;"><strong>PM Narendra Modi in Kochi: </strong>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण के राज्यों में अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत आज कोच्चि पहुंचेंगे. यहां वह स्वदेशी विमानवाहक का उद्घाटन कर उस पोत को नौसेना में शामिल करेंगे. इसके अलावा विपक्ष कांग्रेस के मौके पर नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे. इस खास मौके प्रधानमंत्री आम लोगों के लिए मंगलुरु में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>देश को मिलेगा अपना विमान वाहक पोत</strong></p> <p style="text-align: justify;">प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/Q6ygf0E" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> सबसे पहले आज सुबह 9:30 बजे कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देशसेवा में समर्पित करेंगे. दोपहर 1:30 बजे मंगलुरु में लगभग 3800 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे. कार्यक्रम के दौरान पीएम नौसेना के नए ध्वज का भी अनावरण करेंगे, जो औपनिवेशिक अतीत से अलग व समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के प्रतीकानुसार है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है आईएनएस विक्रांत</strong></p> <p style="text-align: justify;">रक्षा सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस पोत को घरेलू स्तर पर डिजाइन किया गया और इसे आईएनएस विक्रांत के नाम से एक विमान वाहक पोत के रूप में विकसित किया गया है. इसका डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है और इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है.</p> <p style="text-align: justify;">स्वदेशी वायुयान वाहक का नाम उसके विख्यात पूर्ववर्ती और भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस है, जिनके निर्माण में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने तथा 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संलग्न थे. विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जाएंगे, जिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का करेंगे उद्घटान या शिलान्यास-</strong></p> <p style="text-align: justify;">बताया गया है कि प्रधानमंत्री मंगलुरु में लगभग 3800 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.</p> <ul> <li style="text-align: justify;">पीएम नव मंगलूर पत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित कंटेनरों और अन्य माल के प्रबंधन के उद्देश्य से गोदी नं. 14 के यांत्रिकीकरण के लिये 280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजना का उद्घाटन करेंगे.</li> <li style="text-align: justify;">प्रधानमंत्री बंदरगाह द्वारा संचालित लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत वाली पांच परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे.</li> <li style="text-align: justify;">प्रधानमंत्री मंगलूर रिफायनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड द्वारा संचालित दो परियोजनाओं, यानी बीएस-6 उन्नयन परियोजना तथा समुद्री जल विलवणीकरण परियोजना का उद्घाटन करेंगे. बीएस-6 उन्नयन परियोजना लगभग 1830 करोड़ रुपये की है, जिससे बीएस-6 मानक वाला पर्यावरण के लिए अत्यधिक शुद्ध ईंधन तैयार होगा.</li> <li style="text-align: justify;">इसी तरह लगभग 680 करोड़ रुपये की लागत वाली समुद्री जल विलवणीकरण परियोजना से ताजे पानी पर निर्भता कम होगी तथा साल भर हाइड्रोकार्बन व पेट्रोरसायनों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित होगी.</li> </ul> <p><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p><strong><a title="Delhi: CBI हेडक्वार्टर में कार्यरत डिप्टी लीगल एडवाइजर ने की आत्महत्या, अपने ही घर में लगाई फांसी" href="https://ift.tt/vcgWR5t" target="">Delhi: CBI हेडक्वार्टर में कार्यरत डिप्टी लीगल एडवाइजर ने की आत्महत्या, अपने ही घर में लगाई फांसी</a></strong></p>
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