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Indian Navy: भारतीय नौसेना दुश्मनों के लिए होगी और ज्यादा घातक, रक्षा मंत्रालय ने BAPL से किया करार

<p style="text-align: justify;"><strong>Defence News:</strong> भारतीय नौसेना (Indian Navy) को और अधिक घातक बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने दोहरी-भूमिका वाली ब्रह्मोस मिसाइल ( BrahMos Missile) देने का फैसला किया है. इसके लिए ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली कंपनी, बीएपीएल (BAPL)से 1700 करोड़ का करार किया गया है.&nbsp; हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने नौसेना को कितनी अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल देने का फैसला किया है. हालांकि इसका आधिकारिक एलान अभी नहीं हुआ है.</p> <p style="text-align: justify;">जानकारी के मुताबिक, 38 सतह से सतह तक मार करने वाली मिसाइलों के लिए करार किया गया है. इनमें से 35 कॉम्बेट मिसाइल हैं और तीन (03) अभ्यास के लिए हैं. गुरूवार को रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राईवेट लिमिटेड (BAPL) के साथ दोहरी भूमिका वाली सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ भारत</strong></p> <p style="text-align: justify;">बयान के मुताबिक, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को और प्रोत्साहन प्रदान करते हुए बीएपीएल के साथ 'खरीदें-भारतीय' श्रेणी के अंतर्गत 1700 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत से सतह से सतह पर मार करने में सक्षम अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. इन दोहरी भूमिका क्षमता वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय नौसेना (आईएन) बेड़े की परिसंपत्तियों की परिचालन क्षमता में काफी वृद्धि होगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>BAPL भारत-रूस का ज्वाइंट वेंचर है</strong></p> <p style="text-align: justify;">बीएपीएल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) है जो जमीन से जमीन तक मारने के साथ ही एंटी-शिप के तौर पर भी इस्तेमाल की जाती है. गुरूवार को ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड रेंज वाली मिसाइल के लिए करार किया गया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस अनुबंध से स्वदेशी उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली और गोला-बारूद के स्वदेशी उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>प्राइम स्ट्राइक वैपन है ब्रह्मोस</strong></p> <p style="text-align: justify;">भारत ने ब्रह्मोस को अपना प्राइम स्ट्राइक वैपन घोषित कर रखा है जिसे थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ही इस्तेमाल करती हैं. चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एलएसी पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक कर रखी है. साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई लड़ाकू विमान भी एलएसी के करीब एयर-बेस पर तैनात कर रखे हैं. हाल ही में फिलीपींस ने भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का करार किया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong><br /><strong><a title="PM Modi Japan Visit: 27 सितंबर को जापान जाएंगे PM मोदी, शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में लेंगे हिस्सा" href="https://ift.tt/itLDKph" target="null">PM Modi Japan Visit: 27 सितंबर को जापान जाएंगे PM मोदी, शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में लेंगे हिस्सा</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="टेरर फंडिंग को लेकर पीएफआई पर एनआईए-ईडी का सबसे बड़ा एक्शन, 11 राज्यों से 106 लोग गिरफ्तार । 10 बड़ी बातें" href="https://ift.tt/yFWcpgs" target="null">टेरर फंडिंग को लेकर पीएफआई पर एनआईए-ईडी का सबसे बड़ा एक्शन, 11 राज्यों से 106 लोग गिरफ्तार । 10 बड़ी बातें</a></strong></p>

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