<p style="text-align: justify;"><strong>Presidential Election 2022:</strong> महाराष्ट्र में सत्ता गंवा चुके उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के सामने अब एक और मुश्किल खड़ी हो गई है. इस बार महाराष्ट्र के पूर्व सीएम के सामने राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन करने को लेकर धर्मसंकट खड़ा हो गया है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) के सांसदों में घमासान मचा है. अधिकांश सांसद एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के समर्थन में हैं, लेकिन राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की वकालत कर रहे हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">आज शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सासंदों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने भाग लिया और उनमें से अधिकतर ने बीजेपी नीत राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया. हालांकि शिवसेना सांसद व मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया कि लोकसभा में पार्टी के 18 सदस्यों में से 15 ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री में हुई बैठक में भाग लिया. संजय राउत विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>उद्धव ठाकरे के सामने खड़ी हुई मुश्किल</strong></p> <p style="text-align: justify;">ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. वे पहले ही पार्टी को बचाने में जुटे हैं, क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से लगातार खुद के असली शिवसेना होने का दावा किया जा रहा है. पार्टी के ज्यादातर विधायक पहले ही बगावत कर चुके हैं वहीं अब कई सांसदों की भी शिंदे गुट में जाने की चर्चा है. अगर उद्धव ठाकरे सांसदों की बात नहीं मानेंगे तो उन्हें डर है कि सांसद भी कहीं उनका साथ ना छोड़ दें.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कितने सांसद हैं द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में?</strong></p> <p style="text-align: justify;">शिवसेना की बैठक के बाद सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा कि बैठक में 13 सांसद भौतिक रूप से शामिल हुए, जबकि तीन अन्य- संजय जाधव, संजय मांडलिक और हेमंत पाटिल बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने नेतृत्व को अपने समर्थन की पुष्टि की. ज्यादातर सांसदों की राय है कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवसेना के दो लोकसभा सदस्य भावना गवली और श्रीकांत शिंदे (मुख्यमंत्री <a title="एकनाथ शिंदे" href="https://ift.tt/l0ZF9bd" data-type="interlinkingkeywords">एकनाथ शिंदे</a> के बेटे) बैठक में शामिल नहीं हुए.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बगावत के कारण हाथ से निकल चुकी है सत्ता</strong></p> <p style="text-align: justify;">महाराष्ट्र में 18 लोकसभा के सांसदों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से कलाबेन डेलकर भी शिवसेना सांसद हैं. पार्टी के 18 लोकसभा सांसदों में से 13 ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का निर्णय लिया है. सांसदों के इस फैसले से उद्धव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि पहले ही बागी विधायकों की वजह से उनके हाथ से सत्ता निकल गई है. अब सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का एलान कर दिया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>राष्ट्रपति चुनाव में किसका समर्थन करेंगे उद्धव ठाकरे?</strong></p> <p style="text-align: justify;">हालांकि उद्धव ठाकरे के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना इतना आसान नहीं हैं. विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनाए गए यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की उम्मीदवारी में एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अहम भूमिका थी. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) उनके साथ थी. अब अगर ऐसे में उद्धव ठाकरे एनडीए (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को समर्थन देने का एलान करते हैं तो विपक्षी दलों, खासकर कि शरद पवार (Sharad Pawar) से उनके रिश्ते बिगड़ना तय हैं. अब देखना होगा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) अपने सांसदों की नाराजगी मोल लेते हैं या विपक्षी दलों के अपने साथियों की.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना सांसद बंटे, कल अपने पत्ते खोलेंगे उद्धव ठाकरे" href="https://ift.tt/1d0af6j" target="">Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना सांसद बंटे, कल अपने पत्ते खोलेंगे उद्धव ठाकरे</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Maharashtra Politics: औरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर शरद पवार के बयान ने चौंकाया, उद्धव ठाकरे के फैसले पर कही ये बात" href="https://ift.tt/Ji0pveB" target="">Maharashtra Politics: औरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर शरद पवार के बयान ने चौंकाया, उद्धव ठाकरे के फैसले पर कही ये बात</a></strong></p>

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