<p class="p1"><strong>Supreme Court Hearing: </strong>सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पति और पत्नी के बीच विवाद में बच्चे को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए<span class="s1">, </span>क्योंकि यह माना जाता है कि बेटे के वयस्क होने तक उसका भरण<span class="s1">-</span>पोषण करना पिता की जिम्मेदारी है. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना ने कहा<span class="s1">, "</span>पति और पत्नी के बीच जो भी विवाद हो<span class="s1">, </span>एक बच्चे को पीड़ित नहीं होना चाहिए बच्चे के विकास को बनाए रखने के लिए पिता की जिम्मेदारी तब तक बनी रहती है<span class="s1">, </span>जब तक कि बच्चा<span class="s1">/</span>बेटा वयस्क नहीं हो जाता.<span class="s1">"</span></p> <p class="p1">पीठ ने कहा कि बच्चे की मां कमा नहीं रही है और वह जयपुर में अपने पैतृक घर में रह रही है. इसलिए शिक्षा सहित उसके बेटे के भरण<span class="s1">-</span>पोषण के लिए एक उचित<span class="s1">/</span>पर्याप्त राशि की आवश्यकता होती है<span class="s1">, </span>जिसका भुगतान प्रतिवादी<span class="s1">-</span>पति को करना होगा.</p> <p class="p1"><strong>पिता को हर महीने<span class="s1"> 50,000 </span>रुपये भरण<span class="s1">-</span>पोषण देने का भी निर्देश</strong></p> <p class="p1">सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद<span class="s1"> 142 </span>के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए फैमिली कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा पति और पत्नी को दी गई तलाक की डिक्री की पुष्टि की. साथ ही पिता को हर महीने<span class="s1"> 50,000 </span>रुपये भरण<span class="s1">-</span>पोषण देने का भी निर्देश दिया. पीठ ने इस बात पर विचार किया कि अलग हो चुके जोड़े मई<span class="s1"> 2011 </span>से साथ नहीं रह रहे हैं.</p> <p class="p1">पीठ ने कहा कि दिसंबर<span class="s1"> 2019 </span>से पिता ने उस राशि का भुगतान करना बंद कर दिया था<span class="s1">, </span>जिसका भुगतान सेना के अधिकारियों द्वारा<span class="s1"> 15 </span>नवंबर<span class="s1">, 2012 </span>को पारित आदेश के तहत किया जा रहा था. पीठ ने कहा<span class="s1">, "</span>प्रतिवादी<span class="s1">-</span>पति को प्रतिवादी की स्थिति के अनुसार<span class="s1">, </span>बेटे के भरण<span class="s1">-</span>पोषण के लिए दिसंबर<span class="s1"> 2019 </span>से अपीलकर्ता<span class="s1">-</span>पत्नी को प्रति माह<span class="s1"> 50,000 </span>रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है. दिसंबर<span class="s1"> 2019 </span>से नवंबर तक प्रति माह<span class="s1"> 50,000 </span>रुपये का बकाया<span class="s1"> 2021 </span>का भुगतान आज से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर किया जाए.<span class="s1">" </span>दंपति का विवाह<span class="s1"> 16 </span>नवंबर<span class="s1">, 2005 </span>को हुआ था और वह व्यक्ति तब एक मेजर के रूप में सेवा कर रहा था. दंपति का बच्चा अब<span class="s1"> 13 </span>साल का हो गया है.</p> <p class="p1"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <p class="p1"><strong><a title="Twitter New Policy: अब बिना अनुमति ट्विटर पर शेयर नहीं कर सकेंगे किसी दूसरे की निजी फोटो और वीडियो, जानिए क्या है नया नियम" href="https://ift.tt/3IfvuMM" target="">Twitter New Policy: अब बिना अनुमति ट्विटर पर शेयर नहीं कर सकेंगे किसी दूसरे की निजी फोटो और वीडियो, जानिए क्या है नया नियम</a></strong></p> <p class="p1"><strong><a title="America और UAE में मिला Omicron का मामला, कम से कम 25 देशों में फैला कोरोना का नया वैरिएंट, देखें पूरी लिस्ट" href="https://ift.tt/3xKxjwt" target="">America और UAE में मिला Omicron का मामला, कम से कम 25 देशों में फैला कोरोना का नया वैरिएंट, देखें पूरी लिस्ट</a></strong></p>
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