<p style="text-align: justify;"><strong>State Investigating Agency:</strong> जम्मू कश्मीर(Jammu kashmir) में आतंकी संबंधित घटनाओं की जांच में और तेजी लाने के लिए स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी(State Investigating Agency) के गठन को मंजूरी मिल गई है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन का यह फैसला उस समय आया है जब घाटी में आतंकी अल्पसंख्यकों और प्रवासी लोगों को निशाना बना रहे हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आतंकी गतिविधियों पर लगेगा लगाम</strong></p> <p style="text-align: justify;">जम्मू कश्मीर में तेजी से बढ़ रही आतंकी घटनाओं की जांच में तेजी लाने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तर्ज पर प्रदेश की जांच एजेंसी के गठन को मंजूरी दे दी है. नवगठित स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी को प्रदेश सरकार ने आतंकी घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने के साथ सभी पुलिस थानों को किसी भी आतंकी घटना का मामला दर्ज करने की सूचना इस जांच एजेंसी को देने के आदेश दिए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">जानकार मानते हैं कि प्रदेश सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और इससे प्रदेश में आतंकी घटनाओं की जांच में तेज़ी आएगी. जम्मू कश्मीर में आतंकी विरोधी गतिविधियों को काबू करने में अहम भूमिका निभा चुके प्रदेश के पूर्व डीजीपी डॉ एस पी वैध मानते हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना मिलकर भारत के खिलाफ कोल्ड वार छेड़े हुए हैं और इसे कबूल करने में अब कोई शर्म नहीं की जानी चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एजेंसी में शामिल किए जाएंगे अनुभवी पुलिस अधिकारी</strong></p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि जो फैसला राज्य सरकार ने स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी के गठन को लेकर किया है यह देरी से आया हुआ सही फैसला है. जानकार मानते हैं कि स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी के गठन से जम्मू कश्मीर में आतंकी मामलों में जांच में तेजी इसलिए भी आएगी क्योंकि इस एजेंसी में प्रदेश में आतंक के खिलाफ पिछले 30 सालों से काम कर रहे चुनिंदा पुलिस अफसरों को तैनात किया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आतंकी नेटवर्क को तोड़ना होगा आसान</strong></p> <p style="text-align: justify;">उनका दावा है कि पुलिस का खुफिया तंत्र और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईडी का तंत्र इतना मजबूत है कि किसी भी आतंकी नेटवर्क को आसानी से तोड़ा जा सकता है. ऐसे में इस तरह की संस्था का गठन करना आतंकी विरोधी जांच में एक नई दिशा और दशा प्रदान करेगा. स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी के गठन के साथी जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश के डीजीपी को किसी भी समय किसी भी आतंकी घटना की जांच की जिम्मेदारी इस नई संस्था को सौंपने के अधिकार भी दिए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इसे भी पढ़ेंः</strong><br /><a href="https://ift.tt/3BDhRme Wankhede Vs Nawab Malik: कितनी संपत्ति के मालिक हैं समीर वानखेड़े? पढ़ें Exclusive रिपोर्ट</strong></a></p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://www.abplive.com/news/india/mumbai-court-sends-former-maharashtra-minister-anil-deshmukh-to-ed-custody-ann-1991467"><strong>महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कोर्ट ने 6 नवंबर तक ED की कस्टडी में भेजा</strong></a><br /><br /></p>
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