<p style="text-align: justify;"><strong>Afghanistan Crisis:</strong> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूरोपियन काउंसिल (European Council) के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल (Charles Michel) से बात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा हुई. इसके साथ ही उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी.</p> <p style="text-align: justify;">पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “अफगानिस्तान में उभरती स्थिति के बारे में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बात की. साथ ही भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.”</p> <blockquote class="twitter-tweet"> <p dir="ltr" lang="en">Spoke with <a href="https://twitter.com/eucopresident?ref_src=twsrc%5Etfw">@eucopresident</a> Charles Michel, President of the European Council, about the evolving situation in Afghanistan. Also reiterated our commitment to further strengthening India-EU relations.</p> — Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1432722340031438852?ref_src=twsrc%5Etfw">August 31, 2021</a></blockquote> <p style="text-align: justify;"> <script src="https://platform.twitter.com/widgets.js" async="" charset="utf-8"></script> </p> <p style="text-align: justify;">वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा, “नेताओं ने अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों और क्षेत्र और दुनिया के लिए इसके प्रभावों पर चर्चा की. उन्होंने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए भीषण आतंकी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए.”</p> <p style="text-align: justify;">इसके साथ ही पीएमओ ने कहा, “उन्होंने एक स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान के महत्व पर जोर दिया और इस संदर्भ में भारत और यूरोपीय संघ की संभावित भूमिका पर चर्चा की. दोनों नेता द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों, विशेष रूप से अफगानिस्तान की स्थिति पर संपर्क में रहने पर सहमत हुए.”</p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान पर ऐसे समय में बात हुई है जब भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने एक सुदृढ़ प्रस्ताव पारित किया जिसमें मांग की गई कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. प्रस्ताव में उम्मीद की गई है कि तालिबान अफगानों और सभी विदेशी नागरिकों के देश से सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से जाने देने के संबंध में उसके द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा.</p> <p style="text-align: justify;">सुरक्षा परिषद ने सोमवार को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव को स्वीकार किया, जिसमें 13 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और इसके खिलाफ कोई मत नहीं पड़ा और स्थायी, वीटो-धारक सदस्य रूस और चीन अनुपस्थित रहे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर जीत लेकिन पंजशीर घाटी में भारी विरोध, तालिबान के आठ लड़ाके हुए ढेर" href="https://ift.tt/3jvh8NY" target="_blank" rel="noopener">Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर जीत लेकिन पंजशीर घाटी में भारी विरोध, तालिबान के आठ लड़ाके हुए ढेर</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Exclusive: ईरान की तर्ज पर जल्द तालिबान कर सकता है सरकार का गठन, इन्हें मिल सकती है सुप्रीम लीडर और PM की कुर्सी" href="https://ift.tt/3Ds8QyB" target="_blank" rel="noopener">Exclusive: ईरान की तर्ज पर जल्द तालिबान कर सकता है सरकार का गठन, इन्हें मिल सकती है सुप्रीम लीडर और PM की कुर्सी</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><iframe title="YouTube video player" src="https://www.youtube.com/embed/odmHZVWb7ws" width="560" height="315" frameborder="0" allowfullscreen="allowfullscreen"></iframe></p>
from india https://ift.tt/3DCH4j4
via
0 Comments