<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> कांग्रेस ने सरकार पर छद्म पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब होने के बावजूद बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली रुचि सोया को करोड़ों रुपये का कर्ज देने पर जवाब मांगा गया है.</p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि इस सरकार पर से छद्म पूंजीवाद का तमगा हटता नहीं दिखता है और उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार अपनी पूंजीवादी मित्रों का सहयोग एवं समर्थन जारी रखे हुए है.'</p> <p style="text-align: justify;">खेड़ा ने आरोप लगाया कि रुचि सोया ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 12,146 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद दिवालिया होने के संबंध में घोषणा की. यह कंपनी अब रामदेव के पतंजलि समूह के स्वामित्व में है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बैंकों से उधार ली राशि</strong></p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रुचि सोया से अपने कर्ज की वसूली में नाकाम रहने के बाद एसबीआई ने पतंजलि समूह को 3,250 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जो कि रुचि सोया को 4,350 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए सार्वजनिक बैंकों से उधार ली गई राशि का एक बड़ा हिस्सा रही. इन आरोपों को लेकर रामदेव और कंपनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>घाटे से मुनाफे में आई कंपनी</strong></p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि बाबा रामदेव की अगुवाई वाली रुचि सोया इंडस्ट्रीज का वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 314.33 करोड़ रुपये रहा है. वहीं कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि उसे इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 41.24 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a title="रुचि सोया का लाभ पतंजलि अधिग्रहण के बाद बढ़कर हुआ 1018 करोड़, स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक" href="https://ift.tt/3dn3xor" target="_blank" rel="noopener">रुचि सोया का लाभ पतंजलि अधिग्रहण के बाद बढ़कर हुआ 1018 करोड़, स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक</a></strong></p>
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