<p style="text-align: justify;">कलम की नोक से कागज के साथ छेड़छाड़ करने का अपना मजा है...तभी तो कलमकारों से कलम छीन लेने पर वो खून में अपनी ऊंगलियां डुबो लेते हैं.फक़ीरों और दर्वेश सिफ़त शायरों की वो नस्ल गायब होती जा रही है जिनकी जुरअते रिन्दाना के सामने अमीराने शहर
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